Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2024 : भारत सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, जिनसे सीधे तौर पर किसानों को फायदा मिलता है। इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है। इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत सॉइल हेल्थ योजना के अंतर्गत की गई है। इस योजना का उद्देश्य जैविक खेती को प्रोत्साहित करना और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ावा देना है। यह योजना किसानों के लिए काफी लाभकारी है, लेकिन अभी भी कई किसानों को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है, जिसके कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
तो दोस्तों आज के इस पोस्ट में Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2024 के बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी देने वाला हूँ जिसमे आपके सभी सवालों के जवाब मिल जायेंगे तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढियेगा।
परम्परागत कृषि विकास योजना क्या है?
सॉइल हेल्थ योजना के तहत परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) की शुरुआत की गई है, जिससे किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अगर किसी किसान के पास खेती के लिए पैसे की कमी है, तो सरकार उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
दोस्तों में आपको बता दूँ की जैविक खेती करने से पर्यावरण अनुकूल रहता है और हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानो को जैविक खेती करने के लिए 3 बर्ष के लिए 50000 रूपए की कुल सहायता राशि प्रति हेक्टयर के हिसाब से दी जाती है। ताकि मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाया जा सके।
यह योजना न केवल किसानों के लिए बल्कि देश के सभी लोगों के लिए लाभकारी है। जैविक खेती से प्राप्त सब्जियाँ स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं। आजकल खेत में कई तरह के रासायनिक खादों का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इस योजना के तहत सरकार देश के किसानों को परंपरागत तरीके से खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि लोग स्वस्थ रह सकें।
परम्परागत कृषि विकास योजना Overview
योजना का नाम | परम्परागत कृषि विकास योजना |
साल | 2024 |
लाभार्थी | देश के सभी किसान |
लाभ | जैविक खेती के लिए सहायता राशि प्रदान करना |
सहायता राशि | 50,000 |
उद्देश्य | जैविक खेती को प्रोत्साहन करना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | pgsindia-ncof.gov.in |
परम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक खाद के बजाय जैविक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित करना। इसके तहत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे वे रसायन मुक्त खेती कर सकें। इस योजना से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और पौष्टिक भोजन मिल पाता है। इससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है और किसानों की आय बढ़ती है। इसके अलावा, किसानों को स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाता है, जिससे वे अपनी फसल अच्छे दामों पर बेच सके।
परम्परागत कृषि विकास योजना के लिए पात्रता
- इस योजना का लाभ लेने के लिए भारत का मूल निवासी होना अनिवार्य हैं।
- पारम्परागत कृषि विकास योजना के तहत लाभार्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- इस योजना का लाभ केवल किसानो के लिए ही हैं।
- लाभार्थी किसानों के पास खेती करने योग्य भूमि होनी चाहिए। तभी आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- और इस योजना के तहत सभी दस्तावेज का होना अनिवार्य हैं।
परम्परागत कृषि विकास योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड |
निवास प्रमाण पत्र |
राशन कार्ड |
आय प्रमाण पत्र |
पहचान पत्र |
मोबाइल नंबर |
ईमेल आईडी |
बैंक पासबुक |
पासपोर्ट साइज फोटो |
परम्परागत कृषि विकास योजना के लाभ एवं विशेषताएं
- इस योजना की शुरुआत सोयल हेल्थ योजना के तहत किया गया है।
- इस योजना के तहत किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया जायेगा ताकि वो पर्यायवरण को सुरक्षित कर सकें
- इस योजना के माध्यम से किसानो को 3 बर्ष के लिए 50,000 रूपए की कुल सहायता राशि प्रति हेक्टयर के हिसाब से दी जाती है।
- इस योजना के माध्यम से मिलने वाली राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
- परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को ₹31000 प्रति हेक्टेयर जैविक उर्वरक, कीटनाशकों और बीजों के लिए दिए जाएंगे।
- इसके अलावा किसानों को क्षमता निर्माण और क्लस्टर निर्माण के लिए प्रति हेक्टेयर ₹3000 दिया जायेगा।
- यह योजना मुख्या रूप से 2015–16 में क्लस्टर मोड में रसायनिक मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया था।
Paramparagat krishi vikas yojana online registration
- योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट pgsindia-ncof.gov.in पर जाना होगा।
- ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपको Paramparagat krishi vikas yojana के लिए आवेदन फॉर्म दिखाई देगा जहाँ पर आपको क्लिक करना हैं।
- जिसके बाद आपके सामने योजना से जुड़ा एक आवेदन फॉर्म सामने आएगा जिसे आपको ध्यानपूर्वक भरके और मांगे गए आवश्यक दस्तावेज को अपलोड करना हैं।
- ये सभी प्रक्रिया करने के बाद आपको सब्मिट के बटन पर क्लिक कर देना हैं।
- जिसके आपको ऑनलाइन के माध्यम से एक रसीद प्राप्त होंगे जिसे आपको प्रिंट करके रख लेना हैं।
- जिसके बाद आपका सफलता पूर्वक आवेदन हो जायेगा।
परम्परागत कृषि विकास योजना FAQs
परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है?
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे रसायन मुक्त खेती कर सकें और मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकें।
परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत किसानों को क्या लाभ मिलता है?
किसानों को आर्थिक सहायता मिलती है ताकि वे जैविक खेती कर सकें। इसके साथ ही, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और पर्यावरण को भी फायदा होता है।
परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता कैसे प्राप्त की जा सकती है?
आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए किसानों को योजना के तहत पंजीकरण कराना होता है। इसके बाद, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन पत्र जमा करने पर सहायता राशि प्रदान की जाती है।
जैविक खेती करने से क्या लाभ होते हैं?
जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, पौष्टिक और रसायन मुक्त भोजन मिलता है, और पर्यावरण की रक्षा होती है। यह खेती के लिए कम लागत और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देती है।
क्या योजना में शामिल होने के लिए कोई शुल्क है?
योजना में शामिल होने के लिए सामान्यतः कोई शुल्क नहीं होता है। पंजीकरण और आवेदन की प्रक्रिया में अपेक्षित दस्तावेज और प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है।
परंपरागत कृषि विकास योजना की अवधि क्या है?
योजना की अवधि और संबंधित जानकारी के लिए स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।
परम्परागत कृषि विकास योजना : निष्कर्ष
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे वे रसायन मुक्त और पौष्टिक फसलें उगा सकें।
इस योजना से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, पर्यावरण सुरक्षित रहता है, और स्वस्थ भोजन मिलता है। किसानों को इस योजना के माध्यम से स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाता है, जिससे वे अपनी फसल को अच्छे दामों पर बेच सकें कुल मिलाकर, परंपरागत कृषि विकास योजना किसानों की आय बढ़ाने, मिट्टी और पर्यावरण को बचाने, और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने में मदद करती है। दोस्तों इस योजना से जुड़ी आपके मन में कोई सवाल है तो नीचे हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताइयेगा।
धन्यवाद।